भारत में किसी भी व्यवसाय या उद्योग करने के लिए जीएसटी पंजीयन एक आवश्यक दस्तावेज है। जीएसटी पंजीयन एक 15 अंको का यूनिक पंजीयन संख्या होता है जो वस्तु और सेवा कर (GST) पहचान संख्या (GSTIN) प्राप्त करने की प्रक्रिया है, जो कि आपके व्यवसाय को वस्तु और सेवा कर (GST) का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी बनाती है और विभागीय अधिकारियों को लेनदेन की प्रभावी रूप से निगरानी करने में सक्षम बनाती है। चाहे आप निर्धारित मानदंडों को पूरा करते हों, नए जीएसटी पंजीकरण के लिए आवेदन कर रहे हों, या स्वेच्छा से जीएसटी पंजीकरण प्राप्त करना चाहते हों, यह लेख आपको GST पंजीयन की प्रक्रिया को सहजता से पूरा करने और GST Structure के तहत GST के नियमों के अनुपालन करने में मदद कर सकता है। इस लेख में हम GST Registration Documents : जीएसटी पंजीकरण-आवश्यकताएँ और प्रक्रिया पर चर्चा करेंगे.
भारत के सन्दर्भ में ऑनलाइन जीएसटी पंजीकरण
Goods and Service Tax Government Portal |
वस्तु एवं सेवा कर दिनांक 01 जुलाई 2017 को प्रारंभ किया गया है, इसके प्रारंभ से ही भारत में समस्त सेवा प्रदाताओं, व्यापारियों, निर्माताओं और यहाँ तक कि फ्रीलांसरों के लिए वस्तु एवं सेवा कर (GST) अनिवार्य हो गया है। GST System को पूर्व में प्रचलित विभिन्न प्रकार के करों जैसे : सेवा कर, उत्पाद शुल्क, सीएसटी, मनोरंजन कर, विलासिता कर और वैट जैसे केंद्रीय और राज्य-स्तरीय करों को बदलने के लिए लागू किया गया था, जिससे कर प्रक्रिया अधिक सुव्यवस्थित हो गई है। GST Registration Process Charges व्यवसाय के प्रकार और टर्नओवर के आधार पर अलग-अलग होते हैं।
ऐसे करदाता जिनका वार्षिक टर्नओवर रु. 1.5 करोड़ से कम होता है, उनके लिए जीएसटी एक कंपोजिशन स्कीम का विकल्प प्रदान करता है। यह योजना उन्हें सरलीकृत GST Processess से गुजरने और अपने टर्नओवर के अनुसार पूर्व निर्धारित दर पर करों का भुगतान करने की अनुमति प्रदान करती है।
GST System आपूर्ति श्रृंखला के विभिन्न चरणों में संचालित होता है। इसमें विनिर्माता द्वारा कच्चे माल का क्रय, उताप्दों का उताप्दन उत्पादन, थोक में विक्रय, खुदरा विक्रय और अंतिम उपभोक्ता को अंतिम बिक्री शामिल है। इस कर व्यवस्था में उल्लेखनीय रूप से प्रत्येक चरण पर वस्तु और सेवा कर (GST) लगाया जाता है। उदाहरण के लिए, जब कोई उत्पाद महारास्ट्र में उत्पादित होता है और फिर मध्यप्रदेश में उपभोग किया जाता है, तो Generated GST Revenue पूरी तरह से मध्यप्रदेश को आवंटित किया जाता है, जो जीएसटी की उपभोग-आधारित प्रकृति पर जोर देता है।
जीएसटी पंजीयन के प्रमुख घटक :
भारत में वस्तु एवं सेवा कर (GST) के तीन प्राथमिक घटक हैं:
- केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर (CGST): Central Goods & Service Tax केंद्र सरकार द्वारा किसी राज्य विशेष के भीतर वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति पर लगाया जाता है। सीजीएसटी पूरी तरह से एक राज्य की सीमाओं के भीतर किए गए लेन-देन पर लागू होता है।
- राज्य वस्तु एवं सेवा कर (SGST): State Goods & Service Tax राज्य सरकार द्वारा अपने अधिकार क्षेत्र में वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति पर लगाया जाता है। CGST की तरह, SGST भी एक विशिष्ट राज्य के भीतर होने वाले लेन-देन तक ही सीमित है।
- एकीकृत वस्तु एवं सेवा कर (IGST): जब वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति विभिन्न राज्यों के बीच या एक राज्य और केंद्र शासित प्रदेश के बीच होती है तब केंद्र सरकार द्वारा Integrated Goods & Service Tax लगाया जाता है। IGST उन लेन-देन के लिए प्रासंगिक है जहां वस्तु या सेवाएं राज्य या केंद्र शासित प्रदेश की सीमाओं को पार करती हैं।
किसे जीएसटी पंजीकरण कराना आवश्यक है?
- व्यावसायिक संस्थाएँ/Business Entities: ऐसा कोई भी उद्यम जिसका कुल वार्षिक कारोबार रुपये 40 लाख से अधिक है। जीएसटी के तहत विशेष श्रेणी के राज्यों के लिए, सीमा रुपये 20 लाख है। यदि व्यवसाय सीमा को पूरा करते हैं, तो जीएसटी प्रमाणपत्र आवेदन प्रक्रिया को पूरा किया जाना चाहिए।
- सेवा प्रदाता/Service Provider: ऐसे सेवा प्रदाता जिनका कुल वार्षिक कारोबार रुपये 20 लाख से अधिक है। विशेष श्रेणी के राज्यों के लिए, यह सीमा रुपये 10 लाख है।
- छूट/Excemption: यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि कुछ विशेष वस्तु और सेवाओं को जी एस टी से छूट प्राप्त है, जीएसटी-छूट वाले वस्तु या सेवाओं में विशेष रूप से काम करने वाली संस्थाएँ इन सीमाओं से बंधी नहीं हैं।
- पूर्व से पंजीकृत संस्थाएँ: पुरानी कर व्यवस्था (जैसे उत्पाद शुल्क, वैट, सेवा कर, आदि) के अंतर्गत पंजीकृत संस्थाओं को नवीन जीएसटी व्यवस्था के तहत पंजीयन करने की आवश्यकता है।
- Inter-State Supplier: ऐसी कोई भी संस्था या व्यक्ति जो राज्य की सीमाओं के पार माल की आपूर्ति में शामिल हैं।
- आकस्मिक कर योग्य संस्थाएँ/Casual Taxable Entites: ऐसी संस्थाएं जो कभी-कभार कर योग्य आपूर्ति करते हैं।
- रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म के तहत संस्थाएँ: रिवर्स चार्ज के तहत कर का भुगतान करने के लिए बाध्य व्यवसाय।
- Input Service Distributor and Agents: इनपुट सेवाओं के वितरक, उनके प्रतिनिधियों सहित।
- ई-कॉमर्स प्लेटफ़ॉर्म/E-Commerce Plateform: ई-कॉमर्स प्लेटफ़ॉर्म के ऑपरेटर या एग्रीगेटर
- गैर-निवासी करयोग्य संस्थाएँ/Non Resident Taxable Entities: ऐसे व्यक्ति या संस्थाएँ जो गैर-निवासी हैं, लेकिन भारत के भीतर कर योग्य आपूर्ति में संलग्न हैं।
- आपूर्तिकर्ता के एजेंट/Suppliers Agent: प्रतिनिधि जो किसी प्रमुख आपूर्तिकर्ता की ओर से आपूर्ति करते हैं।
- ई-कॉमर्स आपूर्तिकर्ता: ऐसे व्यक्ति या संस्थाएँ जो ई-कॉमर्स एग्रीगेटर के माध्यम से सामान या सेवाएँ प्रदान करते हैं।
- Online सेवा प्रदाता: भारत के बाहर से भारत में किसी व्यक्ति को ऑनलाइन सूचना, डेटाबेस एक्सेस या पुनर्प्राप्ति सेवाएँ प्रदान करने वाली संस्थाएँ, जीएसटी के तहत पहले से पंजीकृत लोगों को छोड़कर।
GST Registration हेतु Trunover की सीमा :
- सेवा प्रदाता: ऐसा कोई भी व्यक्ति या संस्था जिसका एक वर्ष में रुपये 20 लाख से अधिक का कुल कारोबार करती है, उसे जीएसटी नंबर पंजीकरण प्राप्त करना अनिवार्य है। विशेष श्रेणी के राज्यों में, सेवा प्रदाताओं के लिए जीएसटी Turnover की सीमा 10 लाख रुपये तय की गई है।
- वस्तु के आपूर्तिकर्ता: अधिसूचना संख्या 10/2019 के अनुसार, कोई भी व्यक्ति जो माल की अनन्य आपूर्ति में लगा हुआ है, जिसका एक वर्ष में कुल कारोबार रुपये 40 लाख से अधिक है, उसे भारत में GST Registration प्राप्त करना अनिवार्य है। रुपये 40 लाख के कारोबार की सीमा के लिए पात्र होने के लिए, आपूर्तिकर्ता को निम्नलिखित शर्तों को पूरा करना होगा:
- कोई भी सेवा प्रदान नहीं करनी चाहिए।
- आपूर्तिकर्ता अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, पुडुचेरी, सिक्किम, तेलंगाना, त्रिपुरा और उत्तराखंड राज्यों में अंतर-राज्यीय (एक ही राज्य के भीतर माल की आपूर्ति) आपूर्ति करने में संलग्न नहीं होना चाहिए।
- आइसक्रीम, पान मसाला या तंबाकू की आपूर्ति में शामिल नहीं होना चाहिए।
यदि उपरोक्त शर्तें पूरी नहीं होती हैं, तो माल के आपूर्तिकर्ता को जीएसटी नंबर पंजीकरण प्राप्त करना आवश्यक होगा जब कारोबार रुपये 20 लाख और विशेष श्रेणी के राज्यों में रुपये 10 लाख से अधिक हो।
जीएसटी पंजीकरण के लाभ :
- कानूनी अनुपालन: GST Registration यह सुनिश्चित करता है कि व्यवसाय कर विनियमों का अनुपालन करते रहें हैं, इस प्रकार किसी भी संभावित दंड से बचा जा सकता है.
- Input Tax Credit: व्यवसायी खरीद पर भुगतान किए गए जीएसटी के लिए क्रेडिट का दावा कर सकते हैं, जिसे बिक्री पर लगाए गए जीएसटी के विरुद्ध समायोजित किया जा सकता है, जिससे कर देयता में कमी आती है।
- Inter-State Trading में आसानी: GST Registration व्यवसायों को कर-संबंधी चुनौतियों का सामना किए बिना किसी भी राज्य की सीमाओं के पार लेन-देन करने के लिए प्रोत्साहित करता है।
- Cascading प्रभाव का उन्मूलन: पहले से कर योग्य राशि पर लगाए जा रहे कर के प्रभाव को हटाकर, उत्पादों या सेवाओं की कुल लागत कम हो जाती है।
- प्रतिस्पर्धी बढ़त: जीएसटी का अनुपालन करने से संभावित ग्राहकों में विश्वास पैदा होता है, जिससे अधिक व्यावसायिक अवसर खुलते हैं।
- बड़े बाजारों तक पहुंच: ज्यादातर कंपनियां अक्सर GST Registered विक्रेताओं के साथ Business करना पसंद करते हैं।
- अनुकूलित नकदी प्रवाह: कुशल प्रबंधन और कम कर देयता व्यवसाय के भीतर नकदी प्रवाह को बढ़ाती है।
- बेहतर क्रेडिट रेटिंग: एक सुसंगत और सकारात्मक जीएसटी अनुपालन रिकॉर्ड बनाए रखना किसी व्यवसाय की क्रेडिट प्रोफ़ाइल को बढ़ावा देती है।
- कानूनी सुरक्षा: GST Registration व्यवसायों की सुरक्षा करता है और यह सुनिश्चित करता है कि उनके अधिकारों को बरकरार रखा जाए।
- सरलीकृत अनुपालन: जीएसटी प्रक्रिया को सुव्यवस्थित किया गया है, जिससे व्यवसाय आसानी से रिटर्न दाखिल कर सकते हैं और ऑनलाइन भुगतान कर सकते हैं।
- पारदर्शी संचालन: यह सुनिश्चित करता है कि व्यवसाय सटीक रिकॉर्ड बनाए रखें, जिससे विश्वसनीयता और व्यावसायिकता की भावना को बढ़ावा मिल सके।
GST Registration प्रमाणपत्र :
- कर संग्रह प्राधिकरण: यह व्यवसायियों को अपने ग्राहकों से जीएसटी लगाने और इकट्ठा करने का अधिकार देता है।
- Tax Credit दावे: इस GST Registration Certificate के साथ, व्यवसायी अपने खरीद और परिचालन लागतों पर वितरित जीएसटी पर क्रेडिट का दावा कर सकते हैं।इसके अलावा, अपने कर-संबंधी कार्यों से अलग, GST Registration Certificate कई अन्य स्थानों में महत्व रखता है:
- ऋण हेतु आवेदन: वित्तीय सहायता या ऋण लेते समय, व्यवसायियों को उनकी प्रामाणिकता को सत्यापित करने के लिए अपने GST Registration Certificate प्रस्तुत करने के लिए कहा जा सकता है।
- शासकीय निविदाएँ: पात्र होने और आधिकारिक सरकारी निविदाओं में भाग लेने के लिए, GST Registration Certificate को अक्सर कर अनुपालन के प्रमाण के रूप में प्रस्तुत किया जाना चाहिए।
- Market प्रतिष्ठा: ऑनलाइन GST Registration Certificate बाजार में व्यवसाय की प्रतिष्ठा को बढ़ाता है, तथा राष्ट्रीय कर विनियमों के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
GSTIN :
GST Registration हेतु आवश्यक दस्तावेज :
Sole proprietor / Individual |
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LLP and Partnership Firms |
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HUF |
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Company (Public and Private) (Indian and foreign) |
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GST Registration हेतु ऑनलाइन प्रक्रिया :
- सबसे पहले
GST पोर्टल पर जाएं: https://services.gst.gov.in/services/quicklinks/registration
- उसके बाद "New Registration" विकल्प पर क्लिक करें और आवश्यक विवरण भरें।
- OTP द्वारा
सत्यापन करें।
- सयापन
पश्चात TRN (Temporary
Reference Number) प्राप्त करें।
- उसके बाद TRN लॉगिन के
माध्यम से एप्लिकेशन भरें।
- वांछित दस्तावेज़ अपलोड करें और आवेदन सबमिट करें।
- आवेदन सबमिट करने के बाद ARN (Application Reference Number) प्राप्त होता है।
- वेरिफिकेशन के बाद GSTIN जारी हो जायगा है।
GST Registration नहीं लेने पर क्या PENALTY हैं :
- भुगतान नहीं करने या कम भुगतान के लिए: यदि कोई करदाता जितना कर का भुगतान किया जाना है उतने कर का भुगतान करने में लापरवाही करता है या गलती से कम भुगतान करता है, तो बकाया कर राशि के 10% के बराबर स्वीकार्य राशि शाश्ती के रूप में लगाई जाती है। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि हालांकि जीएसटी पंजीकरण शुल्क नहीं है, लेकिन जी एस टी का पालन नहीं करने पर दंड महत्वपूर्ण हो सकता है।
- जानबूझकर कर चोरी: यदि कोई व्यक्ति या व्यवसाय जानबूझकर देय करों का भुगतान करने से बचता है, तो Penalty Tax चोरी की गई राशि के 100% के बराबर होता है।
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