छत्तीसगढ़ औद्योगिक विकास नीति 2024-30 के अंतर्गत Production Certificate : विस्तृत जानकारी

Production Certificate

नमस्ते दोस्तों! आज हम बात करने जा रहे हैं छत्तीसगढ़ की नई औद्योगिक विकास नीति 2024-30 के बारे में, खासतौर पर "उत्पादन प्रमाणपत्र" (Production Certificate) पर। अगर आप एक उद्यमी हैं, निवेशक हैं या छत्तीसगढ़ में कोई नया उद्योग शुरू करने की सोच रहे हैं, तो यह ब्लॉग आपके लिए बहुत उपयोगी साबित होगा। छत्तीसगढ़ सरकार ने इस नीति को 1 नवंबर 2024 से लागू किया है, जो 31 मार्च 2030 तक चलेगी। इस नीति का मुख्य उद्देश्य राज्य को एक विकसित औद्योगिक केंद्र बनाना है, जहां स्थानीय संसाधनों का बेहतर उपयोग हो और रोजगार के नए अवसर पैदा हों।

"उत्पादन प्रमाणपत्र" इस नीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो उद्योगों को विभिन्न प्रोत्साहनों और अनुदान का लाभ दिलाने में मदद करता है। इस प्रमाणपत्र के द्वारा वाणिज्यिक उत्पादन शुरू होने की पुष्टि होती है और इसके बिना औद्योगिक विकास नीति के कई लाभ नहीं मिल सकते। इस ब्लॉग में हम विस्तार से चर्चा करेंगे कि उत्पादन प्रमाणपत्र क्या है, कैसे प्राप्त करें, इसके फायदे क्या हैं और कुछ उदाहरणों के साथ समझाएंगे। चलिए शुरू करते हैं!

छत्तीसगढ़ औद्योगिक विकास नीति 2024-30 के अंतर्गत Production Certificate : विस्तृत जानकारी


उत्पादन प्रमाणपत्र क्या है? (What is Production Certificate?)

छत्तीसगढ़ औद्योगिक विकास नीति 2024-30 में "उत्पादन प्रमाणपत्र" को आधिकारिक रूप से "वाणिज्यिक उत्पादन प्रमाणपत्र" (Commercial Production Certificate - CPC) कहा जाता है। यह एक सरकारी दस्तावेज है जो सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी किया जाता है। इस प्रमाण पत्र का मुख्य काम यह सत्यापित करना है कि किसी उद्यम की नवीन स्थापना, विस्तारीकरण, शवालिकरण, प्रतिस्थापन या आधुनिकीकरण की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और उद्योग में वाणिज्यिक उत्पादन शुरू हो गया है।

नीति के क्लॉज 19 और एनेक्सचर-1 के अनुसार, उत्पादन प्रमाणपत्र नए उद्यमों के लिए अनिवार्य है जो नीति की अवधि (1 नवंबर 2024 से 31 मार्च 2030) के दौरान उत्पादन शुरू करते हैं। यह प्रमाणपत्र प्राप्त करने के बाद ही उद्यमी विभिन्न अनुदान, छूट और प्रोत्साहनों का दावा कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, अगर आप एक एमएसएमई (माइक्रो, स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइज) शुरू कर रहे हैं, तो उत्पादन प्रमाणपत्र के बिना आपको औद्योगिक विकास नीति के अनतर्गत मिलने वाले अनुदान जैसे कि स्थायी पूंजी निवेश अनुदान, ब्याज अनुदान, स्टाम्प शुल्क से छूट, मार्जिन मनी अनुदान, विद्युत् शुल्क से छूट जैसे अनुदान नहीं मिलेगा।

यह प्रमाणपत्र राज्य के औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए डिजाइन किया गया है, खासकर पिछड़े इलाकों में। नीति में विकासखंडो को तीन ग्रुप्स में बांटा गया है - ग्रुप 1, ग्रुप 2 और ग्रुप 3। ग्रुप 3 में सबसे ज्यादा लाभ मिलते हैं, जहां उत्पादन प्रमाणपत्र प्राप्त करने वाले उद्योगों को लंबी अवधि की छूट मिल सकती है।

उत्पादन प्रमाणपत्र की पात्रता मानदंड (Eligibility Criteria for Production Certificate)

उत्पादन प्रमाणपत्र प्राप्त करने के लिए कुछ स्पष्ट मानदंड हैं, जो नीति में विस्तार से बताए गए हैं। आइए इन्हें स्टेप बाय स्टेप समझें:

  1. नए उद्यमों के लिए: उद्योग को नीति अवधि में उत्पादन शुरू करना चाहिए। आपके पास वैध उद्यम आकांक्षा/आई.ई.एम./लेटर ऑफ इंटेंट होना चाहिए। साथ ही, अलग बिजली कनेक्शन, जीएसटी रजिस्ट्रेशन और नई प्लांट/मशीनरी इंस्टॉलेशन जरूरी है।
  2. उद्योग का विस्तार/शवालिकरण के लिए: कम से कम प्लांट और मशीनरी 25% अतिरिक्त निवेश में होना चाहिए जिससे उत्पादन क्षमता में कम से कम 25% की वृद्धि हो, साथ ही 10% रोजगार वृद्धि। उत्पादन नीति अवधि में शुरू होना चाहिए।
  3. प्रतिस्थापन/आधुनिकीकरण के लिए: 5 साल से पुरानी मशीनों के लिए कम से कम 125% निवेश, और 10% रोजगार बढ़ोतरी। उत्पादन 31 मार्च 2030 तक शुरू हो।

उदाहरण: मान लीजिए आप रायपुर के धरसीवा ब्लॉक (ग्रुप 1) में एक फूड प्रोसेसिंग यूनिट शुरू कर रहे हैं। अगर आपका निवेश 50 करोड़ रुपये है, तो उत्पादन प्रमाणपत्र के लिए आपको साबित करना होगा कि उत्पादन शुरू हो गया है, जैसे उत्पादन रिकॉर्ड, बिजली बिल आदि। यदि आप ग्रुप 3 के किसी पिछड़े ब्लॉक जैसे छुरा में हैं, तो पात्रता और आसान हो जाती है क्योंकि वहां ज्यादा प्रोत्साहन हैं।

यदि आप एससी/एसटी, महिला उद्यमी या पूर्व सैनिक हैं, तो 10% अतिरिक्त सब्सिडी और एक साल की अतिरिक्त छूट मिल सकती है, लेकिन कुल लाभ की सीमा है।

उत्पादन प्रमाणपत्र प्राप्त करने की प्रक्रिया (Application Process for Production Certificate)

उत्पादन प्रमाणपत्र प्राप्त करना ज्यादा जटिल नहीं है, लेकिन सही दस्तावेज जरूरी हैं। यहां उत्पादन प्रमाण पत्र प्राप्त करने के स्टेप्स हैं:

  1. आवेदन जमा करें: सर्वप्रथम आपको उद्योग में वाणिज्यिक उत्पादन प्रमाण होने के पश्चात् उद्योग विभाग के अधिकारिक वेब पोर्टल पर आवश्यक दस्तावेजों  के साथ ऑनलाइन आवेदन करना होगा. ऑफलाइन आवेदन स्वीकार नहीं किया जायेंगे.
  2. सत्यापन: कार्यालय द्वारा दस्तावेजों का सत्यापन किया जायेगा
  3. आवेदन वापस : आवेदन में कमियां पाए जाने पर कामिओ/त्रुतिओं के निराकरण हेतु ऑनलाइन आवेदन वापस किया जा सकता है. जिसे आप कमिओं/त्रुतिओं का निराकरण कर पुनः कार्यालय में प्रस्तुत कर सकते हैं.
  4. उद्योग का स्थल निरिक्षण : पूर्ण आवेदन प्राप्त होने पर कार्यालय के अधिकारी द्वारा उद्योग का स्थल निरिक्षण किया जायगा.
  5. जारी करना: उद्योग के स्थल निरिक्षण उपरांत कार्यालय द्वारा “वाणिज्यिक उत्पादन प्रमाण” ऑनलाइन जारी किया जायगा.

उत्पादन प्रमाणपत्र से जुड़े लाभ और प्रोत्साहन (Benefits Linked to Production Certificate)

उत्पादन प्रमाणपत्र प्राप्त करने के बाद ही नीति के तहत कई लाभ मिलते हैं। आइए मुख्य लाभ देखें:

1. स्थायी पूंजी निवेश अनुदान:

  • एमएसएमई के लिए: 30-45% सब्सिडी, मैक्सिमम 350-800 लाख रुपये।
  • बड़े उद्योगों के लिए: 35-50%, मैक्सिमम 60-450 करोड़ रुपये, 6-10 सालों में किस्तों में।
  • उदाहरण: एक फार्मास्यूटिकल यूनिट ने 200 करोड़ निवेश किया, उत्पादन प्रमाणपत्र मिलने पर 35% सब्सिडी (70 करोड़) मिली, जो 6 सालों में दी गई।

2. ब्याज अनुदान:

  • 45-55%, 6-8 सालों के लिए, सालाना मैक्सिमम 20-50 लाख।
  • केवल उत्पादन प्रमाणपत्र धारकों को।

3. विद्युत् शुल्क से छूट:

  • 5-15 सालों तक पूरी छूट, ग्रुप और सेक्टर पर निर्भर।
  • उदाहरण: एक स्टील प्लांट ग्रुप 3 में 15 साल की छूट पा सकता है।

4. स्टाम्प ड्यूटी से छूट:

  • लैंड खरीद/लीज पर 100% छूट।
  • बैंक ऋण पर 100% छूट।

5. अन्य अनुदान:

  • ट्रांसपोर्टेशन सब्सिडी: एक्सपोर्ट के लिए।
  • ईपीएफ रीइंबर्समेंट: 75% छत्तीसगढ़ डोमिसाइल कर्मचारियों के लिए।
  • ट्रेनिंग स्टाइपेंड: कर्मचारियों के लिए।

ये लाभ प्राथमिक सेक्टरों जैसे फार्मा, टेक्सटाइल, आईटी, एग्रीकल्चर आदि में ज्यादा हैं। एंकर यूनिट्स (200 करोड़ से ज्यादा निवेश वाली पहली 5 यूनिट्स) को अतिरिक्त 5% मिलता है।

छत्तीसगढ़ औद्योगिक विकास नीति 2024-30 में उत्पादन प्रमाणपत्र का महत्व (Importance of Production Certificate in the Policy)

यह नीति "अमृत काल: छत्तीसगढ़ विजन @ 2047" से जुड़ी है, जो राज्य को औद्योगिक हब बनाना चाहती है। उत्पादन प्रमाणपत्र इसमें केंद्रीय भूमिका निभाता है क्योंकि यह सुनिश्चित करता है कि निवेश वास्तविक उत्पादन में बदल रहा है। नीति में 150% तक फिक्स्ड कैपिटल की नेट एसजीएसटी रीइंबर्समेंट है, लेकिन केवल प्रमाणपत्र के बाद।

पिछड़े इलाकों (ग्रुप 3) में यह प्रमाणपत्र प्राप्त करने वाले उद्योगों को ज्यादा लाभ मिलते हैं, जो क्षेत्रीय असमानता कम करता है। साथ ही, स्टार्टअप्स, लॉजिस्टिक्स और आईटीईएस/डेटा सेंटर्स के लिए स्पेशल पैकेज हैं, जहां उत्पादन प्रमाणपत्र अनिवार्य है।

उदाहरण: एक आईटीईएस कंपनी ने 500 करोड़ निवेश किया। उत्पादन प्रमाणपत्र मिलने पर उन्हें 35% कैपिटल सब्सिडी (175 करोड़) मिली, प्लस 12 साल की इलेक्ट्रिसिटी छूट। इससे उनकी लागत 20% कम हुई और 500 नौकरियां पैदा हुईं।

उत्पादन प्रमाणपत्र से जुड़ी चुनौतियां और समाधान (Challenges and Solutions Related to Production Certificate)

कई उद्यमी उत्पादन प्रमाणपत्र प्राप्त करने में देरी का सामना करते हैं, जैसे दस्तावेजों की कमी या सत्यापन में समय।

समाधान: पहले से तैयारी करें, जैसे जीएसटी रजिस्ट्रेशन और उत्पादन लॉग रखें। सरकार ने सिंगल विंडो सिस्टम शुरू किया है, जो प्रक्रिया को तेज बनाता है।

एक और चुनौती: ग्रुप 1 में कम लाभ। समाधान: ग्रुप 3 में निवेश करें, जहां लाभ ज्यादा हैं।

उत्पादन प्रमाणपत्र के उदाहरण और केस स्टडीज (Examples and Case Studies of Production Certificate)

  1. फूड प्रोसेसिंग यूनिट: बालोद बाजार में एक एमएसएमई ने 10 करोड़ निवेश किया। उत्पादन प्रमाणपत्र मिलने पर 45% सब्सिडी (4.5 करोड़) और 8 साल इंटरेस्ट सब्सिडी मिली। परिणाम: 200 नौकरियां और एक्सपोर्ट बढ़ा।
  2. टेक्सटाइल प्लांट: दुर्ग में विस्तार के लिए 50% अतिरिक्त निवेश। प्रमाणपत्र के बाद 10 साल इलेक्ट्रिसिटी छूट, जिससे लागत बचत हुई।
  3. आईटीईएस सेंटर: रायपुर में 300 करोड़ निवेश। एंकर यूनिट होने से अतिरिक्त 5% सब्सिडी, कुल 110% तक लाभ।

ये उदाहरण दिखाते हैं कि उत्पादन प्रमाणपत्र कैसे उद्योगों को मजबूत बनाता है।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs about Production Certificate)

1. उत्पादन प्रमाणपत्र क्या है और यह क्यों जरूरी है?

उत्पादन प्रमाणपत्र एक सरकारी दस्तावेज है जो यह सत्यापित करता है कि आपका उद्योग वाणिज्यिक उत्पादन शुरू कर चुका है। यह छत्तीसगढ़ औद्योगिक विकास नीति 2024-30 के तहत सब्सिडी और छूट प्राप्त करने के लिए अनिवार्य है।

2. उत्पादन प्रमाणपत्र के लिए कौन पात्र है?

नए उद्यम, विस्तार, विविधीकरण या आधुनिकीकरण करने वाले उद्योग, जो नीति अवधि (1 नवंबर 2024 से 31 मार्च 2030) में उत्पादन शुरू करते हैं, पात्र हैं।

3. उत्पादन प्रमाणपत्र के लिए किन दस्तावेजों की जरूरत है?

छत्तीसगढ़ औद्योगिक विकास नीति 2024-30 के अंतर्गत Production Certificate : विस्तृत जानकारी

4. उत्पादन प्रमाणपत्र कितने समय में मिलता है?

सही दस्तावेजों के साथ, सत्यापन के बाद आमतौर पर 15-30 दिनों में प्रमाणपत्र जारी हो जाता है।

5. क्या बिना उत्पादन प्रमाणपत्र के सब्सिडी मिल सकती है?

नहीं, नीति के तहत ज्यादातर सब्सिडी और छूट केवल उत्पादन प्रमाणपत्र के बाद ही मिलती हैं।

6. क्या ग्रुप 3 में ज्यादा लाभ हैं?

हां, ग्रुप 3 (पिछड़े ब्लॉक) में सब्सिडी और छूट की अवधि और राशि ज्यादा है, जैसे 15 साल तक इलेक्ट्रिसिटी छूट।

7. क्या ऑनलाइन आवेदन संभव है?

हां, सिंगल विंडो सिस्टम के जरिए ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है। अधिक जानकारी के लिए industries.cg.gov.in देखें।

8. क्या एमएसएमई और बड़े उद्योगों के लिए लाभ अलग हैं?

हां, एमएसएमई को 30-45% सब्सिडी (350-800 लाख तक) और बड़े उद्योगों को 35-50% (60-450 करोड़ तक) मिलती है।

निष्कर्ष: उत्पादन प्रमाणपत्र क्यों जरूरी है? (Conclusion: Why Production Certificate is Essential?)

छत्तीसगढ़ औद्योगिक विकास नीति 2024-30 में उत्पादन प्रमाणपत्र एक कुंजी है जो दरवाजे खोलता है सब्सिडी और विकास के लिए। अगर आप निवेश की योजना बना रहे हैं, तो इसे प्राथमिकता दें। अधिक जानकारी के लिए आधिकारिक वेबसाइट industries.cg.gov.in देखें।

 

Post a Comment

और नया पुराने